- खाद्य सचिव ने कहा- अतिरिक्त सेला चावल नहीं ले सकते
नई दिल्ली, (सुभाष भारती): तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव द्वारा दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करने के बाद केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने सेला चावल की खरीद पर केंद्र की स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि केन्द्र अतिरिक्त चावल नहीं ले सकते। राव ने केन्द्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर केन्द्र सरकार ने राज्य में तैयार सेला चावल की खरीद की मांग 24 घंटों के भीतर पूरी नहीं की तो वह आंदोलन तेज करेंगे।
केंद्र सरकार की धान खरीद नीति के खिलाफ तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने राज्य से धान खरीद को लेकर केंद्र को जवाब देने के लिए 24 घंटे का समय दिया। जवाब नहीं देने पर देशभर में विरोध करने की चेतावनी दी। पीएम मोदी को सुचेत करने के अंदाज में कहा कि किसानों की भावनाओं के साथ मत खेलिए, उनके पास सरकार गिराने की ताकत है। किसान भिखारी नहीं हैं और उनके पास अपनी पैदावार के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मांगने का अधिकार है। राव ने तेलंगाना भवन में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नेताओं के साथ धरना दिया।
समान खरीद नीति के तहत अतिरिक्त सेला चावल नहीं ले सकते - खाद्य सचिव
केंद्र सरकार ने पिछले दिनों सोमवार को कहा कि राशन दुकानों पर सीमित मांग व अधिशेष भंडार होने के कारण भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) अतिरिक्त सेला चावल की खरीद नहीं कर सकती और इस बारे में तेलंगाना सरकार को बहुत पहले ही बता दिया गया था। केंद्र ने कहा कि सरकार समान और भेदभाव रहित खरीद नीति का पालन करती है। पांडे ने कहा कि केंद्र किसी भी राज्य से धान की खरीद नहीं करता है, यह केवल पीडीएस की मांग के अनुसार कच्चे चावल और बहुत कम मात्रा में सेला चावल खरीदता है इसलिए सभी राज्यों के लिए एक समान नीति है।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष अगस्त में खाद्य सचिवों की एक बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि एफसीआई के पास बढ़ते सेला चावल स्टॉक को देखते हुए खरीफ सत्र (केएमएस) 2021-22 के दौरान केंद्रीय पूल के लिए किसी भी राज्य से कोई भी सेला चावल नहीं लिया जाएगा। एक अप्रैल 2022 तक एफसीआई के पास लगभग 40 लाख टन सेला चावल का भंडार था, जो लगभग दो वर्ष की आवश्यकता के लिए पर्याप्त है।