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बासमती चावलों में तेजी ओर आने की संभावना प्रवल- सुभाष भारती
बासमती चावलों में तेजी ओर आने की संभावना प्रवल- सुभाष भारती
       बासमती धान में तेजी आने का मुख्य कारण है कि किसान के पास अब बहुत कम बासमती धान बचा है जिस कारण धान के भाव आसमान छू रहे हैं। इस तेजी की क्या संभावना बन रही है। बासमती चावल के बड़े व्यापारियों का यह भी कहना था कि बासमती धान के रेट 4 हजार रूपये तक नहीं पहुंच सकते लेकिन हमने पहले भी यह कहा था कि बासमती का भाव रेट 4000 नहीं हो सकता तब भी राईस एक्सपोर्टर एंड ट्रेडर्स डॉट कॉम में हमने नकारते हुए रेट 4200 का भाव आने की बात कही थी लेकिन इसकी समय समय पर समीक्षा करने की जरूरत होती है क्योंकि बासमती का भाव अंतरराष्ट्रीय घटनाओं से बहुत ज्यादा प्रभावित होता है। आजकल अंतरराष्ट्रीय माहौल बहुत जल्दी जल्दी बदल रहा है ऐसे में भाव का सटीक अंदाजा लगाना टेढ़ी खीर है।

ताजा मार्केट अपडेट
      शनिवार को 1121 धान के भाव रेट 4300 के पास पहुंच गए थे। और सोमवार को 1121 धान के भाव ने यह आंकड़ा अंतत: छू ही लिया। पंजाब, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान की मंडियों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। गोहाना मंडी में शनिवार की बोली में धान 1121 के भाव रेट 4285 तक बोले गए। जबकि 1718 की रेंज रेट 4165 तक रही। 1125 और 1718 धान भी नरवाना मंडी में 4170 रुपये तक पहुंच गया। राजस्थान की बूँदी मंडी में भी सारे पुराने रिकार्ड टूटते नजर आए और भाव रेट 4100 रुपये प्रति क्विंटल के पार हो गए।
बासमती 30 नंबर में भी तेजी देखने को मिल रही है। रविवार को बासमती के भाव में 100 रुपये तक की तेजी देखने को मिली और भाव 3600 रुपये प्रति क्विंटल तक बोले गए। सुगंधा धान मे भी भाव रेट 3400 के पार दिखाई दिया।

चावल की अपडेट तेजी मंदी रिपोर्ट
     बासमती के कम उत्पादन और निरंतर निकल रही निर्यात मांग के कारण बासमती के चावल बाजार में भी तेजी का दौर जारी है। 1121 का स्टीम 83 रुपए पर व्यापार हो रहा है और जानकारों के अनुसार मार्च के अंत तक यह 80-90 रुपए पहुंच सकता है। इसी तरह से 1401 का भाव 7250 से कुछ और आगे बढ़ सकता है। दरअसल इस समय अधिकतर चावल मिलों में चावल का स्टाक नहीं है और जिनके पास थोड़ा बहुत चावल है वो भाव बढऩे का इंतजार कर रहे हैं। अपने स्थापित ब्राण्ड के बल पर चलने वाली कंपनियां ऊंचे भाव में धान खरीदकर भी व्यापार करने का प्रयास कर रही हैं जबकि छोटे मिलर्स धान के बढ़े भाव की चुनौती को स्वीकार नहीं कर पा रहे। कमजोर होते रुपये का भी निर्यातकों को सहारा मिल रहा है। इन दिनों मंडियों में भी धान की आवक कमजोर है और निर्यातक व्यापारियों को नए पुराने ऑर्डर भुगतान करने में कठिनाई आ रही है। अब धान के साथ साथ चावल की उपलब्धता भी बहुत कम रह गई है। और जितने भी मिलर या स्टॉकिस्ट है वह सब अपने भाव पर माल बेचना पसंद कर रहे हैं।

अमेरिका द्वारा ईरान पर व्यापक प्रतिबंध हटाने के कारण अब ईरान भारत से सीधा चावल खरीदेगा 
अमेरिका द्वारा ईरान पर लगे प्रतिबिंध से ईरान को व्यापक लाभ हुआ है, पहले ईरान को भारतीय बासमती दुबई के रस्ते लेना पड़ता था, अब वह सीधे ले रहा है। जिससे ईरान का 5 प्रतिशत खर्च कम हुआ है। इसके अलावा आपको बता दें कि भारतीय व्यापारियों की बड़ी रकम ईरान के व्यापारियों की तरफ फंसी हुई है लेकिन अब जो भी लेन देन हो रहा है वह एडवांस पेमेंट में हो रहा है। इसके चलते बासमती की सभी वैराइटी पर 100 रूपए तक की तेजी दिखाई दे रही है।

बासमती चावलों में आगे भी तेजी रह सकती है
     चावल व्यापारियों का कहना है कि इस साल धान की फसल कमजोर रहने से उत्पादन में बड़ी गिरावट है, लेकिन धान की मांग जैसे की तैसे बनी हुई है। उम्मीद यह जताई जा रही है कि अप्रैल के शुरूआती दिनों में 1121 का भाव जो अभी 8000-8100 रूपए है, वह 8500 रूपए से ऊपर बाजार जा सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार और जो रिपोर्ट्स हमारे पास है उसके हिसाब से सऊदी हर साल 8 लाख टन माल लेता है, जो इस साल ले चुका है। लेकिन, ईरान हर साल 14 लाख टन माल लेता है जोकि अब तक 6-7 लाख टन माल ईरान को अभी तक मिल पाया है। और अभी 6-7 लाख टन माल ईरान ने ओर लेना है। जहां तक धान के भाव की बात है धान के भाव काफी बढ़ चुके हैं और यहां से धान में शायद तेजी की गुंजाइश कम है लेकिन फिर भी 1121 में रेट 4500 तक पहुंचने की उम्मीद है। खास तौर पर चावल बाजार में यहां निश्चित रुप से तेजी दिखाई दे रही है।









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