करनाल, (सुभाष भारती): यमुनानगर के मुस्तफाबाद में एफसीआई डिपो पर स्पेस की कमी बताकर सीएमआर (कस्टम मिल्ड राइस) को उतारने के लिए सुविधा शुल्क (रिश्वत) मांगने के मामले से प्रदेश के राइस मिलर्स भडक़ गए हैं। हरियाणा स्टेट राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रधान हंसराज सिंगला की अगुवाई में विभिन्न जिलों के राइस मिलर्स भारतीय खाद्य निगम के मंडल कार्यालय पर आ धमके। मंडल प्रबंधक पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए राइस मिलर्स ने धरना लगाना शुरू कर दिया। हालांकि बाद में मंडल प्रबंधक अंकुर वत्स ने धरनास्थल पर आकर समस्याएं सुनी और समाधान का भरोसा दिया। तब जाकर राइस मिलर्स ने धरना खत्म किया।
हरियाणा स्टेट राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हंसराज सिंगला व वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद कुमार गोयल, चेयरमैन ज्वैल सिंगला ने कहा कि कई दिनों से प्रदेशभर में एफसीआई के अधिकारी भ्रष्टाचार कर रहे हैं। यमुनानगर के मुस्तफाबाद में एफसीआई अधिकारियों ने स्पेस की कमी बताकर चावल लेना ही बंद कर दिया। एफसीआई के भ्रष्ट अधिकारीयों का कहना है कि सीएमआर का चावल जमा करवाना है तो पहले सुविधा शुल्क (रिश्वत) दो। तीन दिन से मुस्तफाबाद के राइस मिलर्स एफसीआई अधिकारीयों से मिलने के लिए रोजाना मंडल प्रबंधक कार्यालय करनाल पहुंच रहे हैं, लेकिन यहां उन्हें गेट के अंदर ही घुसने नहीं दिया जा रहा है।
राइस मिलर्स का कहना है कि मंडल प्रबंधक अकुंर वत्स फोन भी रिसीव नहीं कर रहे हैं। प्रदेशभर में एफसीआई की मनमानी के खिलाफ प्रदेशभर के राइस मिलर्स को मंडल कार्यालय आना पड़ा है। राज्य प्रधान की अगुवाई में विभिन्न जिलों से राइस मिलर्स यहां पहुंचे और मंडल प्रबंधक कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए हैं। डीएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आरोप लगाया कि डिपो पर कर्मचारी कांटे मनमर्जी से खोल रहे हैं। अधिकांश स्थानों पर एक बजे खोलते हैं और दो बजे बंद कर देते हैं। यह सब रिश्वत लेने के लिए काम में रूकावट डाल रहे हैं। मिलर्स का यह भी कहना है कि यह सब डीएम के इशारे पर हो रहा है। दोपहर बाद मंडल प्रबंधक अंकुर वत्स धरना स्थल पर पहुंचे तो राइस मिलर्स ने खूब खरी खरी सुनाई। मंडल प्रबंधक सिर्फ मुस्कुराते रहे। फिर तय किया कि वह स्पेस व अन्य समस्याओं के लिए एक कमेटी गठित करेंगे, जिसमें दो राइस मिलर्स के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। सभी कांटे सुबह नौ बजे से सांय 3.30 बजे तक खुलेंगे, सभी राइस मिलर्स का फोन रिसीव करना संभव नहीं लेकिन सभी मिलर्स अध्यक्षों का फोन वह जरूर रिसीव करेंगे।
धरना देने वालों में राजेश चहल, संजीव गोयल (इंद्री), नरेश बंसल (तरावड़ी), प्रवीन कुमार (यमुनानगर), बालकृष्ण लांबा (कुंजपुरा), राजेंद्र रहेजा, राज कुमार गुप्ता, विजय टक्कर, सौरभ गुप्ता, कुलभूषण गोयल (करनाल), मुकेश अग्रवाल आदि कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, करनाल, कैथल आदि कई जिलों के राइस मिलर्स मौजूद रहे।
तकनीकी सहायक ने मांगी माफी
- दो दिन पहले मुस्तफाबाद के सरस्वती राइस मिल के कुलदीप सिंह अपनी समस्या को लेकर एफसीआई मंडल कार्यालय करनाल आए थे तो तकनीकी सहायक ने पहले तो गेट बंद करवा दिया। बाद में अंदर आए तो उसने उनके ऊपर गाड़ी चढ़ा दी, जिससे वह जख्मी हो गए। हरियाणा स्टेट राइस मिलर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ राज्य उपाध्यक्ष विनोद कुमार गोयल ने बताया कि इसकी शिकायत पुलिस को दी गई थी, लेकिन आज तकनीकी सहायक अनिल कुमार ने डीएम व कई राइस मिलर्स की मौजूदगी में माफी मांग ली है, इसके बाद पुलिस को दी गई शिकायत को वापस ले लिया गया है।
हरियाणा प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रदेश प्रधान हंसराज सिंगला का कहना है कि खाद्यान्न एजेंसियों के अधिकारीयों द्वारा सीएमआर का चावल देने के लिए मिलर्स पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है, राइस मिलर्स सीएमआर का चावल देने के लिए देना चाहते हैं लेकिन एफसीआई के कर्मचारी सुविधा शुल्क (रिश्वत) वसूलने के लिए कभी स्पेस की कमी बताकर सीएमआर का चावल डिपो में उतारने नहीं दे रहे हैं। मुस्तफाबाद में तो एएम ने साफ कहा कि नए मंडल प्रबंधक आए हैं। उनका आदेश है कि पांच हजार रुपये सुविधा शुल्क (रिश्वत) पहले दीजिये, तभी चावल उतारने दिया जाएगा। इस कारण मिलर्स को धरना देने के लिए मजबूर होना पड़ा।
हरियाणा प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनोद कुमार गोयल का कहना है कि एफसीआई के अधिकारी कर्मचारी कांटे मनमर्जी से खोल रहे हैं, जब राइस मिलर्स सीएमआर का चावल डिपू में लेकर पहुंचते हैं, तब तक डिपू अधिकारी कांटा बंद कर चले जाते हैं। ऐसे में समय पर सीएमआर के चावल की डिलीवरी कैसे संभव है। आज मंडल प्रबंधक से जो बातें तय हुई हैं, यदि उनका अनुपालन नहीं होता है तो फिर धरना दिया जाएगा। भ्रष्टाचार की भी कोई सीमा होनी चाहिए।
हरियाणा प्रदेश राइस मिलर्स एसो. के चेयरमैन ज्वैल सिंगला का कहना है कि सबसे बड़ी समस्या मंडल प्रबंधक का फोन रिसीव न करना है, यदि एफसीआई के किसी कर्मचारी की शिकायत करें तो कैसे, अपनी समस्या आखिर राइस मिलर्स किसे बताएं। मंडल प्रबंधक कहते हैं कि सभी के फोन रिसीव करना संभव नहीं है, ऐसे में कम से कम प्रधानों के फोन तो रिसीव किए जा सकते हैं। आखिर समस्या का समाधान कैसे होगा।
भारतीय खाद्य निगम करनाल के मंडल प्रबंधक अंकुर वत्स का कहना है कि सुविधा शुल्क (रिश्वत) मांगने का मामला उनकी जानकारी में नहीं है, रही बात फोन न रिसीव करने की तो करीब दो सौ से ढाई सौ फोन रोज आते हैं, इसलिए अब मिलर्स एसो. के अध्यक्षों के फोन नंबर फीड करवा रहा हूं, उनके फोन जरूर सुने जाएंगे। कांटे हर रोज सुबह नौ बजे से 3.30 बजे तक खुलेंगे। राइस मिलर्स की समस्याओं के समाधान के लिए एक कमेटी गठित की जा रही है।