(सुभाष भारती): भारत सरकार के खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को भारतीय खाद्य निगम से प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के जरिए अपने कामकाज में सुधार लाने तथा जनता के बीच अक्षम और भ्रष्ट होने की धारणा को बदलने को कहा। उन्होंने लोगों के खानपान में पोषण मूल्य जोडक़र वैश्विक भुखमरी सूचकांक में भारत की रैंकिंग को सुधारने की जरूरत पर जोर दिया। पीयूष गोयल एफसीआई के 58वें स्थापना दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित कर रहे थे। एक आधिकारिक बयान के अनुसार उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री गोयल ने कहा कि एफसीआई की स्थापना 1965 में तमिलनाडु के तंजावुर शहर में हुई थी और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में इसने एक लंबा सफर तय किया है।
उन्होंने आगे कहा कि इसकी पारदर्शिता में सुधार की गुंजाइश है और एफसीआई को निर्देश दिया कि लोगों को बेहतर आपूर्ति के लिए एक स्वस्थ कार्य योजना तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि जनता के बीच एफसीआई की धारणा अक्षम और भ्रष्ट की है, जिसे बदलकर गतिशील, समावेशी और ईमानदार में बदलने की है।
ग्लोबल हंगर इंडेक्स में सुधार पर जोर दिया जाए
उन्होंने कहा कि एफसीआई को संकट में फंसे किसान/किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) को तेजी से प्रतिक्रिया देने के लिए एक शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करना चाहिए और साथ ही मौजूदा गोदामों को अंतरराष्ट्रीय मानकों पर अपग्रेड करने के अलावा आधुनिक बुनियादी ढांचे और रसद की योजना बनानी चाहिए।
यह देखते हुए कि एफसीआई को भारत को ‘खाद्य उत्पादन केंद्र’ बनाने के लिए वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाना चाहिए। मंत्री ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स में देश की रेटिंग में सुधार पर जोर दिया जाए। उन्होंने कहा कि लोगों के आहार में अधिक पोषण मूल्य जोडक़र इसे हासिल किया जा सकता है।
गोयल ने एफसीआई से प्रक्रियाओं को सरल बनाने, संगठन को विवेकाधीन शक्ति से मुक्त करने, खाद्यान्न के लिए एक मजबूत परीक्षण तंत्र बनाने और नमूनाकरण तकनीकों की समीक्षा करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हम हरित क्रांति-1 और 2 के बारे में बात करते रहते हैं, लेकिन जैसा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि लक्ष्य ‘सदाबहार क्रांति’ होना चाहिए, खाद्य सुरक्षा पर्याप्त नहीं है, ‘पोषण सुरक्षा’ पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
एफसीआई आज 1300 लाख टन अनाज की खरीद करता है -गोयल
पीयूष गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्य योजना के तहत खाद्यान्न की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विशेष रूप से कोरोनावायरस महामारी के दौरान दुनिया की सबसे बड़ी खाद्य आपूर्ति श्रृंखला प्रणाली को चलाने के लिए एफसीआई की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि आज एफसीआई 1965 के दौरान खरीदे गए लगभग 13 लाख टन के मुकाबले सालाना लगभग 1,300 लाख टन गेहूं और धान की खरीद करता है। इसी तरह देश भर में वितरण 1965 में लगभग 18 लाख टन से बढक़र लगभग 600 लाख टन हो गया है।