कैथल, (सुभाष भारती): लघु सचिवालय स्थित डीसी कार्यालय में जिला मिलिंग कमेटी की मीटिंग में एफसीआई की ओर से मिलर्स को दिए गए धान की मिलिंग करने के बाद बने चावल को स्टोर करने के लिए गोदामों में जगह न दिए जाने का मुद्दा उठा। डीसी प्रदीप दहिया ने इस मामले में एफसीआई के अधिकारियों को निर्देश दिए कि मिलर्स को चावल लगाने के लिए जगह उपलब्ध करवाई जाए।
बैठक में जिला खाद्य एवं पूर्ति कंट्रोलर ने डीसी को अवगत करवाया कि खरीफ सीजन 2020-21 में भारतीय खाद्य निगम द्वारा भुगतान कार्यालय कैथल से हटाकर कुरुक्षेत्र बना दिया है, जिस कारण जिला कैथल की सभी खरीद एजेंसियों को सीएमआर यानि अनाज के प्रेषण दस्तावेज व उसकी अदायगी के लिए प्रतिदिन क्षेत्रीय प्रबंधन कार्यालय कुरुक्षेत्र जाना पड़ता है। इस दौरान क्षेत्रीय प्रबंधक भारतीय खाद्य निगम ने मौके पर आश्वासन दिया कि इस कार्य के लिए एक-दो दिन में कर्मचारी नियुक्त कर दिया जाएगा। उन्होंने सीएमआर से संबंधित लंबित पड़ी राशि को 15 जनवरी 2022 तक रिलीज करने का भी आश्वासन दिया। डीएफएससी ने यह भी जानकारी दी कि चीका राइस मिलर्स के पास सीएमआर का चावल लगाने के लिए भारतीय खाद्य पूर्ति द्वारा जगह उपलब्ध नहीं करवाई जा रही। डीसी ने तुरंत संज्ञान लेते हुए क्षेत्रीय प्रबंधक को निर्देश दिए कि वे जल्द जगह उपलब्ध करवाएं।
दूसरी ओर इस संबंध में जिला राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सचिन मित्तल ने कहा कि कैथल के मिलर्स के लिए भी गोदामों में जगह हासिल करना मुश्किल हो गया है। धान से जो चावल निकाला गया है, उसे समय पर एफसीआई में जमा नहीं करवाया गया तो मिलर्स पर जुर्माना किया जाता है। यदि मिलर्स को जगह ही नहीं मिलेगी तो वे चावल कैसे जमा करवाएंगे।
मिलिंग कमेटी की बैठक में जिला खाद्य एवं पूर्ति नियंत्रक, क्षेत्रीय प्रबंधक भारतीय खाद्य निगम कुरुक्षेत्र, हैफेड के जिला प्रबंधक, वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन के जिला प्रबंधक सहित संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया।