(सुभाष भारती): बढ़ती महंगाई से आज आम जनता परेशान है, पिछले दिनों केंद्र सरकार ने पैट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाकर जनता को कुछ राहत जरूर दी है, लेकिन इस राहत के बाद अब जीएसटी की दरों में बढ़ोतरी को लेकर सरकार पूरी तैयारी कर रही है। बता दें कि जीएसटी काउंसिल की ओर से बनाया गया एक मंत्रियों का समूह इस पर विचार कर रहा है। दरअसल, जीएसटी फिटमेंट कमेटी ने माल और सेवा कर (जीएसटी) की दरें बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है, जिस पर चर्चा यह है कि, अभी जिन सामानों पर जीएसटी 5 फीसदी है उसे बढ़ाकर 7 फीसदी और 18 फीसदी वाली जीएसटी दर को बढ़ाकर उसे 20 फीसदी कर दिया जाए। 5 फीसदी जीएसटी जरूरी वस्तुओं पर लगता है जबकि अधिकतर वस्तुएं और सेवाएं 18 फीसदी जीएसटी के दायरे में आती हैं।
जीएसटी की दरों में बढ़ोतरी से सरकार को 3 लाख करोड़ का रेवेन्यू मिलेगा और यह केंद्र और राज्यों में भी आधा-आधा बंटेगा। इस बढ़ोतरी से सरकार पेट्रोल-डीजल में घटाई गई एक्साइज ड्यूटी की भरपाई कर सकती है। बता दें, जीएसटी के रेट स्ट्रक्चर और स्लैब रेशनलाइजेशन पर बदलाव को लेकर 27 नवंबर को कोई अहम फैसला हो सकता है और इस बढ़ौतरी के साथ ही आपके बजट पर भी इसका पूरा असर पड़ेगा।
जीएसटी में होगा बड़ा बदलाव
आज मंत्री समूह की बैठक में जीएसटी स्लैब में बदलाव पर बड़ा फैसला आ सकता है, वहीं इस बैठक में मंत्री समह का जो भी फैसला होगा, उसे जीएसटी काउंसिल की दिसंबर में संभावित बैठक में पेश भी किया जा सकता है। कोरोना के दौरान हर सेक्टर पर आर्थिक बोझ बढ़ा है, पिछले कुछ महीनों से लगातार लोग वापस पटरी पर लौटे हैं और फिर से कोविड के दौरान हुए नुकसान की भरपाई करने की कोशिशों में लगे हैं, ऐसे में जीएसटी की दर बढऩे से इस आर्थिक बोझ का असर सीधे आपकी जेब पर पड़ेगा।
दरअसल 1 जनवरी से जीएसटी की दर बढऩे से बाजार में थोक और रिटेल के लिए आने वाला कपड़ा, रेडीमेड और फुटवेयर भी महंगे दर पर मिलेगा, ऐसे में जहां व्यापार पर इसका असर पड़ेगा वहीं छोटे व्यापारियों पर इसका और ज्यादा बोझ बढ़ेगा क्योंकि पहले से ही कपड़े महंगे हैं।
जीएसटी बढऩे से महंगी होंगी ये चीजे?
चर्चा है कि सोना और चांदी पर भी जीएसटी बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है, अगर यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है तो सोने और चांदी के भाव और भी बढ़ जाएंगे, कोरोना के बाद इन त्योहारों में मार्केट पूरी तरह से खुला था जिससे पिछले दिनों हए नुकसान की कुछ प्रतिशत भरपाई तो जरूर हई। ऐसे में सोने चांदी के दाम बढऩे से खरीददारी पर असर पडऩे की परीसंभावनाएं है, अभी हाल ही में। सरकार ने सिले-सिलाए यानी की रेडिमेड कपड़े और जूतों पर जीएसटी की दर को 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया है और यह नया आदेश जनवरी 2022 से लागू भी होने वाला है जिसके बाद कच्चा माल, रेडिमेड कपड़ों के अलावा जूते भी महंगे हो जाएंगे।
ऐसे समझिए पूरा गणित
पहले ही कच्चे माल (कपड़े) पर 12 फीसदी जीएसटी निर्धारित है और रेडीमेड कपड़े पर 5 फीसदी जीएसटी लगता है, यानी की फिलहाल कपड़ों पर 17 प्रतिशत जीएसटी देना पड़ता है लेकिन अब अगर 7 फीसदी जीएसटी बढ़ता है तो रॉ-मटेरियल (कच्चे माल) पर 12 फीसदी और रेडीमेड पर 12 फीसदी यानी की कुल मिलाकर 24 फीसदी जीएसटी देना होगा।
पैट्रोल-डीजल की कीमतें बढऩे का असर ट्रांसपोर्ट, सब्जियों समेत कई जगह पर पड़ा था, ठीक वैसे ही व्यापारियों को जीएसटी भुगतान के बाद ट्रांसपोर्ट का भी परा देना होगा और आम लोगों तक पहुंचते-पहुंचते यह कुछ फीसदी और महंगा हो जाएगा जिसका आम आदमी पर सीधा असर पड़ेगा, यानी की आपकी जेब फिर ढीली होगी।