(सुभाष भारती): पंजाब, हरियाणा व उत्तर प्रदेश की मंडियों में इस वर्ष पूसा 1121 के दाम असली बासमती (सीएसआर-30) किस्म के बराबर पहुंच गए हैं। 1121 बासमती किस्म लोगों की पहली पसंद होने के चलते राइस मिलर्स और चावल निर्यातकों में कड़ी स्पर्धा बनी हुई है, इसलिए मंडियों में इस किस्म को हाथों हाथ पिछले वर्ष से 700 रुपये प्रति क्विंटल अधिक रेट पर खरीदा जा रहा है। विदेशों में 1121 की मांग अधिक होने के कारण इस वर्ष 1121 बासमती के दाम परंपरागत बासमती से भी अधिक बढऩे की संभावना है।
इस वर्ष हरियाणा में करीब 13.5 लाख हेक्टेयर में धान की बिजाई की गई थी। इसमें से करीब 7.5 लाख हेक्टेयर में पीआर (मोटा) धान लगाई गई, जबकि 6 लाख हेक्टेयर में बारीक धान की बिजाई की गई। क्योंकि पिछली बार असली र बासमती सीएसआर-30 को 4500 रुपये प्रति क्विंटल तक भाव मिला था और 1121 किस्म 3000 से 3200 रुपये प्रति क्विंटल तक बिकती रही है इसलिए किसानों ने 1121 की बजाये असली बासमती की अधिक क्षेत्र में बिजाई की थी।
असली बासमती के मुकाबले 1121 धान को 700 रुपये अधिक भाव पर बिक रही
पीआर धान की सरकार एमएसपी पर खरीद करती है और बारीक धान ओपन मार्केट में बेचा जाता है। पीआर की खरीद बंद हो चुकी है और अब मंडियों में बारीक धान आने लगा है। इस समय 1121 बासमती किस्म को 3800 से 4000 रुपये प्रति क्विंटल तक रेट मिल रहे हैं। इसी प्रकार, सीएसआर-30 किस्म को भी 3900 से लेकर 4000 रुपये प्रति क्विंटल भाव मिल रहा है।
इस वर्ष 1121 बासमती कम क्षेत्रफल में बिजाई हुई है। दूसरा परंपरागत बासमती के खरीददार बाजार में अब कम होने लगे हैं क्योंकि 1121 बासमती में भी वही खुशबू है जो असली बासमती में है और उसी प्रकार इसका चावल भी लंबा है। विदेशों में भी 1121 बासमती की मांग अब बढ़ रही है। इसलिए किसानों को अच्छे भाव मिल रहे हैं।
इस वर्ष 1121 बासमती में तेजी आने का मुख्य कारण कम रकबे में बिजाई होना है और दूसरा सबसे बड़ा कारण विदेशों में 1121 बासमती की मांग बढऩे से इसका भाव असली बासमती से अधिक मिलने लगा है। विदेशों में 1121 बासमती की अधिक मांग होने के कारण अपने आर्डर पूरे करने के लिए मिलर्स और एक्सपोर्टर में कंपीटिशन चल रहा है। इसलिए किसानों को अच्छे भाव मिल रहे हैं।