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बासमती चावलों में आई तेजी को देखते हुए व्यापारी संभलकर करें व्यापार - सुभाष भारती
बासमती चावलों में आई तेजी को देखते हुए व्यापारी संभलकर करें व्यापार - सुभाष भारती
बासमती चावल के दामों में अब तक कमी चल रही थी लेकिन एकदम से बासमती चावल के दामों में लगभग 10 फीसदी तेजी आने से बासमती चावल की मांग बढऩे लगी है।  चावलों की बढ़ी मांग को देखते हुए अनुमान है कि आने वाले दिनों में बासमती चावलों में आई तेजी को देखते हुए 1121 सैला चावल 100 रूपये प्रति किलो बिकने का अनुमान है। 
आज 1121 स्टीम चावल करनाल, कुरूक्षेत्र, कैथल व दिल्ली में बढिय़ा माल नॉन-ब्रंाडेड 80-82 रूपये प्रति किलो तक तथा ब्रांडेड में 95 रूपये प्रति किलो तक भाव रहे जबकि 1509 स्टीम चावल भी पीछे न रहते हुए 75 से 77 रूपये प्रति किलो तक दाम रहे और मौजूदा हालात तेजी की ओर इशारा कर रहे हैं।
बासमती चावलों की कीमतों में उछाल आने का मुख्य कारण चावलों की सप्लाई में आई कमी है। एक सर्वे के मुताबिक प्रति एकड़ धान की पैदावार में 20 प्रतिशत कमी देखी गई है। यह भी देखा गया है कि इस बार अगेती फसल 1509 हरियाणा, यू.पी. व पंजाब सहित अन्य राज्यों में 50 फीसदी तक बर्बाद हुई है।
पिछले वर्ष बासमती चावलों में मंदी के चलते पाकिस्तान में भी इस वर्ष बासमती धान की बिजाई कम होने के कारण प्रोडकशन बहुत कम है।
बासमती चावलों की प्रोडकशन कम होने के कारण मार्किट में डिमांड अधिक है, दूसरा यह भी कारण है कि कोरोना काल खत्म होने के बाद होटल, कैंटीन, शादी विवाह के प्रोग्राम भी खुले में होने लगे हैं और टूरिजम के खुल जाने से भी चावलों की डिमांड बढ़ी है। ईरान जोकि भारतीय चावल का सबसे बड़ा खरीददार है और वहां मार्किट भी खुल गई है। भारत के बासमती चावल की यूरोप की मार्किट में भी मांग बढ़ी है। यूरोप मार्किट में भारतीय बासमती चावल को टैग मिलने से भी यूरोपीय देशों में भारतीय चावल की मांग बढ़ी है यह भी एक तेजी का कारण है।
नोट: भारतीय चावल के व्यापारियों को चावलों का व्यापार संभलकर करना चाहिए।









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